यदि इंसान सिर्फ दौलत के बारे में ही सोचता रहे तो लोगों की सेवा कब करेगा. – दौलत यात्रा – सफर, गमन, तीर्थाटन, प्रयाण, प्रस्थान। ध्वस्त – खंडित, भग्न, टूटा -फूटा, नष्ट – भ्रष्ट, पराजित, हारा हुआ। विशेष – विशिष्ट, ख़ास, मुख्य, प्रमुख प्रधान जानकी – सीता, वैदही, जनकसुता, मिथिलेशकुमारी, https://russellz083swj4.popup-blog.com/profile