कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥ जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ कर https://codyfdarj.wikiadvocate.com/6347364/not_known_factual_statements_about_shiv_chaisa